DINESH KUMAR KEER 08 May 2023 कहानियाँ प्यार-महोब्बत 5828 0 Hindi :: हिंदी
अनजाना सा राही मैंने अपने दुःखो को बहुत करीब से देखा है मैं तुम्हारे अंदर खुद को तलाशने की असीम कोशिश मे कामयाब रहा मुझे तुम्हारे अंदर थोड़ा मैं दिखा बस और क्या मेरे दुःखो ने तुम्हारे अंदर पनाह लेना चाहा ताकी मुझे मिल सके थोड़ी राहत मैं अपने स्वार्थ के पीछे ना जाने कब तुम से प्रेम कर बैठा मुझे पता ही नहीं चला तुम वास्तव मे बहुत खूबसूरत हो चेहरे से ही नहीं अपने ह्रदय से भी मैं तुमसे ये बार-बार कहना चाहता था मेरा ह्रदय पहले से बहुत कठोर हो चूका है पर ना जाने तुमसे बात करते वक़्त ये कठोरता मोम के भाती पिघल जाती थी ये मोम पिघलते हुए,मेरे ह्रदय पर ना जाने कब तुम्हारे नाम की आकृति बना गया मुझे पता ही नहीं मुझे माफ करना मैं तुमसे प्रेम करते हुए अपने ह्रदय को पत्थर के भाती कठोर रखना चाहता हूँ ताकी मेरा दुःख तुम तक ना पहुंच सके मैं तुमसे बात करते हुए, तुम्हें स्वतंत्र देखना चाहता हूँ ताकी तुम मेरे प्रेम के प्रतिबंध मे ना बँधी रहो मैं नहीं चाहता तुम कभी रोओ मेरे लिए मैं तुमसे प्रेम करना चाहता हूँ मगर खुद पे लगे प्रतिबंधो के कारण तुम्हें पीड़ित नहीं करना चाहता मैं तुम्हें स्वतंत्र देखना चाहता हूँ।