Pravin Chaubey 26 Apr 2023 शायरी दुःखद #कविता #काव्य #पोएम #सायरी #मोटीवेशन #दर्द सायरी #रील #वायरल 71602 0 Hindi :: हिंदी
गरीब इंसान को गरीबी सताती बहुत है छोटी छोटी बातों को लेके रुलाती बहुत है देके छोटी सी एक खुशी की झलक बदले में सौ दर्द देके रुलाती बहुत है अपना दर्द वो किस को बाया करे जिनके सर के ऊपर छत नही है रहने को घर पहनने को वस्त्र नही है गरीब इंसान को गरीबी सताती बहुत है छोटी छोटी बातों को लेके रुलाती बहुत है कभी नंगे पांव तो कभी फटे हुए वस्त्र में वो धूप में चल के जाया करते है रह जाए ना कोई उनके घरों में भूखा ये सोच के दिन रात वो कमाया करते है कभी खुशी तो कभी गम में जिया करते है हम इंसान है साहब आंखे नम किया रहते है दुनिया की इस भीड़ में हम अपना दर्द जाके अब दिखाए किसको सुनता तो कोई नही है अपनी कहानी को सुनाए किसको - प्रवीण चौबे देके छोटी सी एक खुशी की झलक बदले में सौ दर्द देके रुलाती बहुत है अपना दर्द वो किस को बाया करे जिनके सर के ऊपर छत नही है रहने को घर पहनने को वस्त्र नही है गरीब इंसान को गरीबी सताती बहुत है छोटी छोटी बातों को लेके रुलाती बहुत है कभी नंगे पांव तो कभी फटे हुए वस्त्र में वो धूप में चल के जाया करते है रह जाए ना कोई उनके घरों में भूखा ये सोच के दिन रात वो कमाया करते है कभी खुशी तो कभी गम में जिया करते है हम इंसान है साहब आंखे नम किया रहते है दुनिया की इस भीड़ में हम अपना दर्द जाके अब दिखाए किसको सुनता तो कोई नही है अपनी कहानी को सुनाए किसको - प्रवीण चौबे
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