Ranjana sharma 09 Nov 2023 आलेख दुःखद छोटी सी बात#Google# 11444 0 Hindi :: हिंदी
एक औरत मर्द के लिए सब करती है पर मर्द को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, उनलोग की सोच ही वैसी है कि औरत है तो उसे तो ए सब करना ही है पर औरत अगर कभी गुस्से से मर्द को कुछ बोल भी दे तो कुछ समय के बाद वो सोच में पड़ जाती है कि आखिर उसने ऐसा क्यों बोल दिया वो अपने आप को कोस कोस कर बेचैन होती रहती है, पर मर्द को तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो ऐसा क्यों बोली कुछ तकलीफ तो नहीं हैं , हां ऐ जरूर सोचते हैं कि आजकल कुछ ज्यादा ही बोल रही है, सर पर चढ गई है बगैरा बगैरा ,लेकिन कभी उसकी परेशानी को नहीं समझ पाते, और उल्टा सुनाया जाता है कि आखिर पूरा दिन घर पर रह कर करती क्या है उनकी सोच बहुत ही छोटी होती है और उन्हें ऐ फीलिंग भी नहीं होती की उनलोगों ने गुस्सा में क्या बोल या कह दिया बस दोष हमें दे देना है। धन्यवाद