Ranjana sharma 09 Jan 2024 ग़ज़ल दुःखद 4411 0 Hindi :: हिंदी
सनम तेरा ओ चेहरा कहां जिससे मोहब्बत थी मुझे बेपनाह अब तो तू बदलता है ऐसे जैसे बदलता है हर वक़्त मौसम यहां कहां गया तेरा वो वादा जो तूने किए थें मुझसे हजार टूट गई वो कसमें जो तूने दिए थें कभी मेरे हाथों में डालकर हाथ रह गई वो सपने अधूरे जो तूने दिखाए थें मेरे आंखों को कभी टूट गए वो सारे बंधन जो तूने जोड़े थें मुझसे कभी तूने ए कौन सा ओढ़ा नकाब जिससे तू हुआ बेनकाब अब दिखता ही नहीं वो चेहरा जिससे हमको थी इश्क बेहिसाब इंतज़ार अब खत्म हुई मेरे आंखों की कभी ढूंढ़ती थी निगाहें हर जगह तुझे ही अच्छा सिला दिया तूने मेरी चाहत का लूट कर ले गया हर चीज मेरी वफाओं का तू शक्स भी बड़ा अजीब है बेपरवाह है तेरी मोहब्बत पर ना जाने क्यों तुझी से है मोहब्बत धन्यवाद🙏😂