Shivani singh 20 Aug 2023 कहानियाँ समाजिक 11509 0 Hindi :: हिंदी
राजा हरिचंद्र की कहानी भारतीय साहित्य में प्रसिद्ध है। यह कहानी नैतिकता और सदाचार की महत्वपूर्ण प्रेरणा देती है। राजा हरिचंद्र एक प्राचीन राजा थे, जो अपनी नीति और धर्म पर प्रसिद्ध थे। एक दिन उनके दरबार में एक ब्राह्मण आया और उनसे मदमाती की दरिद्रता की भीक्षा मांगी। राजा हरिचंद्र ने उसकी भिक्षा दी और दिया गया राशि के साथ उसके बारे में बात की। कुछ समय बाद, एक दूसरे ब्राह्मण ने भी उनसे भिक्षा मांगी और उन्हें भी राशि दी गई। जब दोनों ब्राह्मण मिले और राशियों का विवाद हुआ, तो राजा हरिचंद्र ने उनसे मिलकर वाद-विवाद किया और उन्हें समझाया कि उन्होंने दोनों को समान राशि दी है। ब्राह्मणों के बीच की बहस चलती रही, परंतु राजा हरिचंद्र ने अपने नैतिकता और सत्य पर दृढ़ रहकर विवाद को समाप्त किया। वे अपने दरबार में बताते हैं कि उन्होंने किसी को भी धन की दरिद्रता के कारण नहीं देखने का आदर किया था। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि सत्य, नैतिकता, और धर्म के प्रति प्रतिबद्ध रहना किसी भी परिस्थिति में महत्वपूर्ण है, और हमें सदा अपनी मूल नीतियों पर चलना चाहिए, चाहे जीवन की कितनी भी मुश्किलाएं आएं।