संदीप कुमार सिंह 26 Aug 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 10793 0 Hindi :: हिंदी
राह नहीं आसान है,पग पग पर संघर्ष। मिले संघर्ष से यहां,जीवन में अति हर्ष।। राह नहीं आसान है,जीवन के वो यार। रहे मजबूत जो यहां,वे रहते गुलजार।। राह नहीं आसान है,फिर भी मन में आस। कार्य नया करता रहूं,खत्म नहीं हो प्यास।। राह नहीं आसान है,मंजिल भी है दूर। करते सतत प्रयास जो,बनते वे ही नूर।। राह नहीं आसान है,जो समझे यह बात। लगन मनन से वह बढ़े,बनते हैं अभिजात।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....