Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #बॉलीवुड 20340 0 Hindi :: हिंदी
आगे बढ़ने की चाह ! और पीछे जा रहा है !! आदम से आदमी ! आदमी से सभ्य !! सभ्य से आदम ! हुआ जा रहा है !! आदम का यह कारवां ! चांद पर जा रहा है !! रफ़्ता-रफ़्ता लिबास जिस्म से ! सरकता ही जा रहा है !! बुलंदियों को छूने की चाहत ! चरित्र से गिरे जा रहा है !! जिस्म सीढ़ी लगा- लगाकर ! बुलंदियों को छुए जा रहा है !! हास्य में भी अश्लीलता ! परोसता जा रहा है !! फूहड़ता का लेबल ! चढ़े जा रहा है !! टी.वी सीरियलों में पति ! लिबास हुआ जा रहा है !! एक उतारा दूसरा पहना ! पति फेशन हुआ जा रहा है !! अंतरंग संबंधों की पाठशाला ! टी, वी हुआ जा रहा है !! सदी का महानायक भी ! कमला पसन्द खा रहा है !! बुजुर्गों का यह कौन सा दौर ! चला आ रहा है !! जो काम बाप न कर पाया ! वो बेटा करता आ रहा है !! बाप की यही थी चाहत ! बेटा उम्मीदों पर खरा जा रहा है !! ड्रग्स पार्टियों का शौकीन ! बॉलीवुड हुआ जा रहा है !! एक रोटी की ख़ातिर ! हुआ बदनाम कोठा !! राज कुंद्रा का कोठा ! कैसे बंगला हुआ जा रहा है !! कला का यह मंदिर ! मधुशाला हुआ जा रहा है !! सेंसर बोर्ड भी अब यारो ! मधुशाला रंग में रंगा जा रहा है !! चोली के पीछे क्या है ! इसी खोज में बढ़ा जा रहा है !! विपिन बंसल