ये ज़िंदगी बस दर्द है !
ये सांसे ही मर्ज़ हैं !!
हमको देकर ज़िंदगी !
हमसे वसूला कर्ज़ है !!
ये ज़िंदगी बस दर्द है !
ये सांसे ही मर्ज़ है !! read more >>
कविता = ( सुख-दुख )
सुख-दुख सांसों के संग है !
यही ज़िंदगी के रंग हैं !
सुख ही सुख हो ज़िंदगी में !
सुख में कहाँ आनंद है !
दुखों की धूप में मी read more >>
कविता = ( मेरे श्री राम को अयोध्या मिल गई )
मुगलों की शतरंज की चालें बदल गईं !
बाबर की शहंशाही खाल बदल गई !!
बाबरी मस्जिद जिसे कहते सभी थे ! read more >>
कविता = ( मनमोहक )
मनमोहक मनभावन मनमोहन तेरे नाम !
मन शीतल निर्मल हो जाए !
जो भज ले तेरा नाम !
हे माधव हे नंदलाल !
मुरली मनोहर, राधेश्याम ! read more >>
कविता = ( कोख )
कोख में अपनी माँ मेरी हमको देती मार !
नारी नर्क से निकाल के हमको कर देती उद्धार !!
श्राप ग्रस्त इस योनि से हमको देती तार !
हम read more >>
कविता = ( कोख )
कोख में अपनी माँ मेरी हमको देती मार !
नारी नर्क से निकाल के हमको कर देती उद्धार !!
श्राप ग्रस्त इस योनि से हमको देती तार !
हम read more >>
कविता = ( दिल्ली )
अंधी मूकबधिर अब हो गई दिल्ली !
दिल्ली का यह क्या हाल हो गया !!
असहाय, बेबस पिता लाचार हो गया !
पिता के ही सामने बेटा लाश ह read more >>