Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम मैं सैनिक हूँ 12688 0 Hindi :: हिंदी
मैं सैनिक हूँ देश के रक्क्षक मैं सैनिक हूँ मैं देश की सुरक्क्षा करता हूँ सरहद के निगहबानी करता हूँ मेरे भी अपने हैं अपने भी कुछ सपने हैं सब कुछ छोड़ के खुशियों के गला घोट के परिवार को भूल के सुख से मुँह मोड़ के सरहद के निगहबानी करता हूँ मैं सैनिक हूँ देश के रक्क्षक मैं सैनिक हूँ सर्दी गर्मी या हो बरसात डटा रहता हूँ कभी राजस्थान के तपती रेत में जलता हूँ कश्मीर के ठंढ से ठिठुरता हूँ तो कभी सियाचीन के वर्फ में पिघलता हूँ पाकिस्तान के गोलियों से तो कभी आतंकियों के ग्रैनेड से करता हूँ सरहद के निगहबानी करता हूँ मैं सैनिक हूँ देश के रक्क्षक मैं सैनिक हूँ मेरी सहादत को थोड़ा तो सम्मान करो मेरे अपनों का भी थोड़ा मान रखो मेरे लाश पे रोटी सेकते हो कम से कम देश का तो स्वाभिमान रखो मैं रखबाला हूँ आपका ही थोड़ा सा तो सर्म करो सरहद के निगहबानी करता हूँ मैं सैनिक हूँ देश के रक्क्षक मैं सैनिक हूँ