Ravina Mourya 12 Jul 2023 कविताएँ समाजिक छोटी-सी आशा 8691 0 Hindi :: हिंदी
छोटी-सी आशा से बडा सा ख्वाब है। आसमनो को छुना नही, जमी पे लाना साहाब है। मुझको बनना नही महान, बस बनना अच्छा इंसान है। उम्र छोटी पर बडे है,ख्वाब मेरे होगे एक दिन काबयाबी के सवेरे