Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

जिस मां-बाप ने सींचकर तुम्हें हीरा बनाया....

मोती लाल साहु 17 Jun 2023 शायरी समाजिक जिस मां-बाप ने- सींचकर तुम्हें हीरा बनाया- आज उसी कोयले को- छूने से, तुम्हारे हाथ गंदे होते हैं। 4766 0 Hindi :: हिंदी

""जिस मां-बाप ने- 
सींचकर तुम्हें हीरा बनाया,, 

""आज उसी कोयले को- 
छूने से तुम्हारे हाथ गंदे होते हैं....!!
-मोती

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

मेरे नजर के सामने तुम्हारे जैसे बहुत है यहीं एक तू ही हो , मोहब्बत करने के लिए यह जरूरी तो नहीं read more >>
मीठी-मीठी यादों को दिल मैं बसा लेना जब आऐ हमारी याद रोना मत हँस कर हमें अपने सपनों मैं बुला लेना read more >>
Join Us: