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इतनी भीड़ है शहर में खो जाने का डर लगा रहता है

DINESH KUMAR KEER 15 Jun 2023 कविताएँ अन्य 8651 0 Hindi :: हिंदी

कविता संग्रह





1     बिछड़न......... 
जब अगले साल यही वक़्त आ रहा होगा... 
ये कौन जानता है कौन किस जगह होगा... 

तू मेरे सामने बैठा है और मैं सोचता हूँ... 
के आते लम्हों में जीना भी इक सज़ा होगा... 

यही जगह जहाँ हम आज मिल के बैठे हैं... 
इसी जगह पे ख़ुदा जाने कल को क्या होगा... 

बिछड़ने वाले तुझे देख देख सोचता हूँ... 
तू फिर मिलेगा तो कितना बदल गया होगा...





2  जंजीर...

किसी को पता ही नहीं जाना कहां है और कहां जा रहे हैं... "धरमा"

इतनी भीड़ है शहर में खो जाने का डर लगा रहता है
इसलिए तो मैंने जंजीर बांध ली खुद को बेटे के साथ

क्या करते हैं दोनों में एक भी खो जाता तो जिंदगी
अधूरी रह जाती है एक दूसरे के बिना दोनों की

वह मुझे तलाशता रहता कहीं मैं भी उसे तलाशती
दोनों ही तलाशते बस जिंदगी तलाशने में गुजर जाती

या खुदा एक ही सहारा है मेरा उसका भी सिर्फ मैं
बहुत बड़ा परिवार होता तो ना बांधते जंजीरों से

चारों तरफ भीड़ ही भीड़ पता नहीं लोग कहां भागे जा रहे हैं...
किसी को पता ही नहीं जाना कहां है और कहां जा रहे हैं...



3  तकदीर...

बुझ जाए शमा तो जल सकती है
कश्ती तुफां से निकल सकती है
बुझ जाए शमा तो जल सकती है
कश्ती तुफां से निकल सकती है

मायुस ना हो अपने इरादे न बदल
तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है
मायुस ना हो अपने इरादे न बदल
तकदीर किसी भी वक्त बदल सकती है



4 

सुकून...



जिसे तुम चाहते हो,

वो किसी और का भी हो सकता है,

सुकून समझो जिसे,

वो कहर भी हो सकता है,

अपना समझो जिसे,

वो सपना भी हो सकता है,

इश्क़ की दुनिया है जनाब,

यहाँ कुछ भी हो सकता है...



5 मोहब्बत...

हसीन सफर है संग तू अगर है,
मत पूछ मोहब्बत हमे किस क़दर है...

पल पल हर पल बस तेरी फ़िक्र है,
जहां भी देखूं बस तेरा जिक्र है...

दवा - ए - इश्क़ जो दी तूने हर दर्द अब बे असर है,
वाक़िफ तो है तुझसे मगर, दिल खुद से बे खबर है...



6  लफ्ज़... 

कई बार लफ्ज़ ख़ामोश हो तो आंखे बोलने लगती है, मगर इसका मतलब ये नहीं कि संस्कार हिन हो बड़े बुजुर्गो का सम्मान हो इसलिए कभी आंखे बाते करती है बड़े बुजुर्ग भी घर में प्रवेश करते है।
एक साइन देते है, जिससे घर वालो को लगता है कि आ गए बाहर से ये भी घर वालो के लिए सम्मान का प्रतीक है
अगर कुछ सीखना है तो आंखो को पढ़ना सीख लो
क्योंकि लफ्जो के मतलब तो हजार निकलते है...




7 व्यवहार...

इंसान का व्यवहार भी बड़ा अजीब होता है,
कभी अपना नहीं देखता तो कभी पराया नहीं देखता,
पर असल में तो इन्सान दोगला होता है,
जो कड़वा बोलता है,
सच का साथ देता लोगो को आजकल बर्दास्त नहीं होती है,
लड़के सबसे बात करे तो लोग कहते है,
कि इसकी सबसे जान पहचान अच्छी है,
अच्छा व्यवहार है,
सबके प्रति ओर अगर लड़की सबसे बात करे जान पहचान रखे तो उसका चरित्र खराब है,
ये तो आजकल लोगो की मानसिकता हो गई,
इसके चलते कभी लडकियो को आगे बढ़ने दिया जाएगा क्या उनको वो सम्मान मिलता है,
नहीं समय के साथ विचार भी बदलना जरूरी होता है,
अपनी मानसिकता को अच्छा बनाए जिससे आपका नहीं आपके परिवार का मान रखे...

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