Danendra 13 May 2023 कविताएँ दुःखद बेरोजगारी है भारी 7667 0 Hindi :: हिंदी
बेरोजगारी के दौर में,क्या खाया जाय क्या पिया जाए। यू ही नही कटती दिन रात, परिवार का खर्चा कैसे चलाया जाए।। मेरे जिंदगी में जिम्मेदारी तो बहोत है, सोच सोच कर बुरा हाल है।। जिंदगी में बेरोजगारी,तनाव, गरीबी इससे बाहर कैसे निकला जाए हे ईश्वर हे दाता ,दो वक्त की रोटी के लिए कुछ तो आवक हो जाए ।।