Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक #डाका 38954 1 5 Hindi :: हिंदी
सपने दिखाकर हमको ! नींदो पे डाका डाला !! बातों की देके रोटी ! खा गए हमारी बोटी !! देखी है इनकी रहमत ! ऐसी है इनकी ख़िदमत !! लूट रही है देखो ! बेटियों की अस्मत !! तिरगी का देखो ! ये कैसा बोलबाला !! तिरगी ने देखो ! चिरागों पे डाका डाला !! सपने दिखाकर हमको ! नींदो पे डाका डाला !! काल बना कोरोना ! हर तरफ था रोना !! सांसो की थी लड़ाई ! अपनो को दी विदाई !! बीमारी से वो भी लड़ते ! निहत्थे न ऐसे मरते !! गर जो तुम न अपनी ! ऐसे जेबे भरते !! बीमारी को भी तुमने ! व्यापार बना डाला !! सपने दिखाकर हमको ! नींदो पे डाका डाला !! लड़ते झगड़ते तुमने ! पूरा समय निकाला !! बातों का अपनी तुमने ! ऐसा जाल डाला !! पिला - पिला के पानी ! सबको मार डाला !! रेवडियाँ खिला - खिला के ! घर को चांट डाला !! वादों पे इनके हमने ! अपना वोट डाला !! अपने ही हाथों अपना ! गला घोंट डाला !! सपने दिखाकर हमको ! नींदो पे डाका डाला !! विपिन बंसल
1 year ago