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गौरी की कहानी-सिर्फ झूठी आशा

Aarti Ramesh Honale 15 Jul 2023 कहानियाँ समाजिक गौरी की कहानी 10354 1 5 Other :: Other

एक लड़की थी। उसका नाम गौरी था। उसकी शादी एक लड़के से हुई और उस लड़के का नाम किशन था।
  गौरी एक ऐसी लड़की थी जिसे कोई भी पसंद करता था उसके स्वभाव से। और किशन एक ऐसा लड़का था जिसको किसी की भी कदर नहीं थी ।ओ सिर्फ अपने आप में ही धुन रहता था। गुटके खाना दारु पीना मटका खेलना ओ एक बहुत ही आवारा लड़का था। मां-बाप की परवाह ना करना।
    फिर मां बाप ने मिलकर एक दिन सोचा कि ऐसे तो हमारा बेटा बहुत बिगड़ जाएगा। इसकी किसी अच्छी लड़की के साथ शादी कर देंगे तो शायद यह सवर जाएगा। ऐसा सोच कर उसके मां-बाप ने उसकी शादी गोरी के साथ करवा डाली

 फिर शादी के बाद ऐसे अलग अलग विचारधारा के दो लोग एक साथ रहने लगे।ओ एक दूसरे के स्वभाव से अपरिचित थे।  धीरे-धीरे एक दूसरे के स्वभाव को जाने पहचाने लगे। फिर उसी दौरान लड़की यानी गौरी मां बनने वाली थी। उसके पेट में बच्चा पल रहा था 3 महीने का।लड़की के स्वभाव से तो सब खुश ही रहते थे। किशन को भी लड़की का स्वभाव अच्छा लगा। लेकिन गोरी को उसका स्वभाव बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। फिर भी गौरी हमेशा कोशिश करती रही कि मेरा पति संवर जाए ।हमेशा उसके पीछे लग ना ऐसा मत करो,ठीक से रहो, यह अच्छी बात नहीं है, इतना गुटके खाता था दारू पीता था फिर भी गौरी उसे बहुत समझाने की कोशिश करती थी। और झूठ मुटका ही बोलता था कि अब आगे से नहीं खाऊंगा फिर वह बोलने के लिए बोलता था और वही करता था। उसकी आदत नहीं छोड़ रहा था। उसकी आदत से तंग आकर गोरी ने बहुत उसके साथ झगड़ा किया और फिर भी हो नहीं माना। प्यार से बोला फिर भी वह नहीं माना। खुद गोरी ने गुटखा खाई और चक्कर आकर गिर गई ताकि ओ छोड़ दे गुटका खाना ,ओ खुद दारू पी ताकि वह छोड़ दे पिना। फिर भी उस में कोई सुधार नहीं आया। गोरी ने उससे जो हो सकता था वह करके देखा मगर फिर भी उस में कुछ भी सुधार नहीं आया। फिर ऐसे ही चलते रहे एक दिन एक आदमी घर में आया और तुम्हारे पति ने मुझ से कर्जा लिया है ऐसा बोला। किशन को पूछने के बाद उसने बोला हां लिया है। क्यों लिया है पूछा तो बोला काम था, मुझे पैसे चाहिए थे ऐसा कुछ भी बोल दिया। मगर उसे कुछ काम नहीं था उसने वह पैसे सारे दारू गुटके खाने के लिए कर्जा लिया था। फिर बहुत बड़ा हंगामा हो गया घर में उनके। गौरी ने यह बात सबको बता दी। किशन के माता-पिता को और गौरी के माता-पिता को भी पता चल गया इस बारे में। बहुत लोगों के बीच में किशन की बेइज्जती हुई। मगर फिर भी किशन उन बेज्जती को ध्यान में नहीं लेता और जैसा बर्ताव करता था वैसा ही बर्ताव करता रहा। गौरी कुछ ही दिनों में एक बच्चे की मां बनने वाली थी। गौरी उसके ऐसे स्वभाव को जानकर उसके साथ रहने के लिए मना कर रही थी। फिर गौरी को उसके मां बाप ने समझाया कि,तुम मां बनने वाली हो ,इस बच्चे के बारे में सोचो। ओ सवर जाएगा आज ना कल सुधर जाएगा। दूसरी औरतों के ऐसे ही बेवड़े और इससे भी गिरे आदमि होते हैं। फिर भी उनके संग वह औरतें रह रही है,तुम नहीं रह सकती क्या। ऐसा समझा-बुझाकर उसके साथ रहने की सलाह दी।
और यह भी कहा कि एक बच्चा होने के बाद और उसमें फर्क नजर आएगा तुम देख लेना फिर गौरी इस उम्मीद पर ठीक है बोली।
 फिर गौरी को एक लड़की पैदा हुई। खुश हुई लड़की हुई है बोलकर। लेकिन लड़की होने के बाद भी किशन के स्वभाव में कुछ भी फर्क नहीं नजर आया गोरी को। ओ वैसा का वैसा ही बर्ताव करने लगा। फिर ऐसे ही दिन कटते गए ऐसे ही गौरी उसको सहन करती गई।
 ऐसे करने में ही किशन पर बहुत कर्जा हो गया। वह कर्जदार कितने दिन चुप बैठेंगे।घर तक आने लगे कर्जा मांगने लगे। किशन बोलता था। दूंगा 4 दिन में दूंगा ,15 दिन में दूंगा पर वह नहीं देता था।
 फिर घर में इस बात पर बहस होने के बाद मां बाप के साथ, बाप ने बोला तुम्हारी पत्नी,तुम्हारे बच्चे तुम खुद संभालो मैं तुम्हारी अब ऐसी बातें नहीं बर्दाश्त कर सकता। तुम यहां से चले जाओ या हम यहां से चले जाते हैं । फिर उसको भी घर से बाहर गांव से दूर जाना था। यही कारण मिलने पर गौरी को मायके में छोड़ गया, और बोला मैं एक महीना काम करने के बाद तुम्हें लेने आऊंगा। फिर वह चला गया। गौरी उस दौरान दूसरे बच्चे की मां बनने वाली थी।
 फिर एक महीना हुआ वह आऊंगा आऊंगा बोलकर नहीं आया। फिर 2 महीने के बाद आया और बोलने लगा कि अभी मेरे पास पैसे जमा नहीं हुए है और एक महीना काम करके आऊंगा फिर बाद में तुम्हें ले जाऊंगा तुम तब तक यहां पर आराम से नहीं बैठ सकती क्या? गौरी ने भी बहुत कुछ बोला लेकिन वह उसकी एक नहीं सुना। अपने मन की किया, जो कुछ भी बोलना था बोल दिया और चल पड़ा। फिर जाने के बाद उसने ना कॉल किया ना मैसेज किया ना कुछ भी किया। ऐसे ही दिन मायके में कटते गए।
  फिर एक दिन गौरी के ससुर गौरी की बेटी को यानी उनकी नातिन को देखने के लिए आए बहुत दिन हो गए देखके बोल कर। फिर वहां पर गौरी के पिता ने किशन के पिता से बात की, कि क्या करना है आगे। तुम्हारा बेटा तो यहां छोड़ कर चला गया। अब क्या करे। हमारी बेटी का क्या रास्ता है। तो किशन के पिता ने बोला कि ओ उसका घर है उसको जब आना चाहे वह आ सकती है ऐसा बोल कर चला गया। फिर 4 दिन बाद गौरी अपने ससुराल लौट आई। किशन को ए बात पता चलने पर उसने   कॉल की और बोला कहां हो। हां तो यहां हूं फिर वह बोला हां मैं 15  20 दिन में आऊंगा फिर बाद में तुम्हें ले जाऊंगा बोला। 15  20 दिन बाद पूछा तो बोला, मेरी पगार नहीं हुई मेरा मालिक पैसे नहीं दे रहा है। कुछ दिन में दूंगा बोल रहा है। मैं आऊंगा 15 दिन में अगले जरूर आऊंगा ऐसा बोला। फिर 15 दिन इंतजार करने के बाद और बोलता है जी नहीं अब 4 दिन में 8 दिन में आऊंगा 15 दिन में आऊंगा,ऐसे ही झूठ पर झूठ, झूठ पर झूठ बोलता रहा। उसे सच में आना ही नहीं था पर वैसा नहीं बोलता था कि मैं नहीं आऊंगा ।मैं आऊंगा बोलता था पर नहीं आता था। सिर्फ झूठी आशा दिखाता था।

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