akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक आजकल इंसान की जिंदगी में मोबाइल एक बीमारी बनकर बन गई है 15287 0 Hindi :: हिंदी
*मोबाइल की बीमारी* घर घर में कब्जा किया मोबाइल ने यार बच्चे ,बूढ़े, बड़ों के हाथों का बना श्रंगार ।। रोज सुबह से हो रही गुडमॉर्निंग नमस्कार सुविचारों का यहां लग जाता बाजार ।। प्रतिदिन के सुविचारों पर नहीं कोई अमल-विचार आगे फारवर्ड करने का सभी करें उपकार।। तरह तरह के वीडियो का भरा यहां भंडार गूगल में तुम खोज लो दुनिया घर संसार।। यू ट्यूब पर मिल रही व्यंजन विधि अपार मनोरंजन और ज्ञान की नई नई बातें यार ।। ओन लाइन शिक्षा का यही प्रमुख औजार यात्रा, होटल ,आरक्षण की सुविधा अपरंपार ।। पैसों का भी लेनदेन बहुत हुआ आसान ऑन लाइन से पहुंच रहा घर घर में सामान ।। बर्थडे पार्टी मना रहे ज़ूम मीटिंग में यार मेट्रोमोनी में मिलें नये रिश्ते और परिवार ।। राजनैतिक मैसेज की इसमें है भरमार रिश्तों में है बढ़ रही चैटिंग से टकरार ।। मोबाइल से हो रहे मेंटली सब बीमार आंख कान और हाथ को कर रहा ये बेकार।। मोबाइल के वायरस से इनफेक्टेड सब यार सामाजिक मेलजोल का हो रहा बंटाढार ।। मोबाइल ने कर लिया सभी जगह अधिकार हास्पिटल से श्मशान तक हुआ इसका विस्तार।। मोबाइल बीमारी का नहीं है कोई उपचार खतरनाक ये वायरस घर घर सब बीमार।। रचयिता -अखिलेश श्रीवास्तव जबलपुर
I am Advocate at jabalpur Madhaya Pradesh. I am interested in sahity and culture and also writing k...