धर्मपाल सावनेर 05 Apr 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #प्यार #के# नशे# में# डूबे# अशिको #के लिए #खूबसूरत# गजल## 7556 0 Hindi :: हिंदी
ये किस तरह का नशा है के उतरता ही नही ऐसा नहीं के जतन कुछ भी करता ही नही ।। हर रोज़ करता हु में जी भर के बाते मगर और जी करता है मगर जी भरता ही नहीं।। ऐसा आलम हो गया आज कल कुछ मेरा रात कटती ही नही दीन गुजरता ही नही।। वक्त तो वक्त है इस की कदर कर लो वक्त किसी के लिए कभी ठहरता ही नही ।। जुदा तो हुआ गम जुदाई का उसे भी है वो अब पहले की तरह सावरता ही नही ।। धरम सिंग राजपूत 8109708044