कविता।
हमर पाटन के बेटी और कोरबा के बेटा कतका सुग्घर रचना लिखे हे ✍️✍️✍️
🌷 वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा 🌷
पानी के बरछा अउ
छानी के ओरछा
किसान के कमई
जवान के चर्चा
आगे एक ठन बिमारी ये संगी
जेकर नाम हे कोरोना
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा ।।
पसहर के तिहार मनागे
खेती बाढ़ी निंदा गे
सबो तिन हे लॉकडाउन के चर्चा
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा ।।
जियत के जिनगी नई बाँचे
बूढ़ी दाई खटिया मा पहागे
तीजा के रोटी अउ
सास ससुर के ख़र्चा
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा।।
राजनीति के वकालत हे भारी
लईका मन के मोबाइल हे संगवारी
होवत हे मोबाइल मा परचा
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा।।
कोरोना बिमारी के आये ले
नई हे दूसर बिमारी के चर्चा
धान पान बोवागे
होवत हे पानी के बरछा
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा।।
कते जुग मा तै सिराबे
होवत हे तोर सबर दिन चर्चा
कलयुग मा तै आके कोरोना
बगरा डारे अपन जीवाणु के बरसा
तोर जाये ले जिनगी जियाही
तब बनाबो तिहार मा अरसा
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा।।
पानी के बरछा अउ
छानी के ओरछा
किसान के कमई
जवान के चर्चा
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा …
वाह रे कोरोना तोर सबो डाहर चर्चा…
( रचित ) ( जयाभारती पटेल ,जयप्रकाश पटेल )
पी जी डी सी ए , एम काम चतुर्थ
( जरवाय , दर्री ) जय शाकंभरी,💐🙏🏻💐। जिला प्रभारी कोरबा