Baba ji dikoli 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत शायरी/आलेख/गजल/कविता/कहानी/आत्मकथा/जीवनी /प्रेमप्रसंग/दिल की बात 7465 0 Hindi :: हिंदी
पता नही वो खुद में कौन सा राज लिए बैठे है । हमारे हर जख्मो का इलाज लिए रहते है। खुद से जुदा भी वहि करते है ।,और फिर मना लेते है हम जानते है वो दिल फिर तोड़ेंगे ,पर हम फिर लगा लेते है। उन्हें पता है शायद हम उनकी मुश्कान पर मरते है । जब भी हम उनसे खफा होते है, वो मुश्कुरा देते है । और हम अपनी सारी काशमे भुला देते है । पता है।, की वो दिल फिर तोड़ेंगे हमे अकेला फिर छोड़ेंगे । पर हम दिल फिर लगा लेते है ,लगा लेते है। उनकी एक मुश्कान पे हम अपना दिलो जान लुटा देते है। वो हमें चंद लम्हो के लिए हँसाते है और फिर रुला देते है । हम सब कुछ भुला देते है ।सब कुछ भुला देते है । कम्बखत न चाहकर भी हम फिर उनसे दिल लगा लेते है । वो मुश्कुरा देते है ,मुश्कुरा देते है। में ये भी जानता हूं कि ये कुछ दिन की चाँदनी रात है। उसके बाद घनघोर अँधेरा और बेचैन रात है । मगर क्या करे कम्बक्त इस बीमार दिल का बो ही इलाज है। वो बदलेगा कभी बस यही आस है । वो इस दिल के लिए अब भी उतना ही खास है ,खास है।