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योग युगत सद्गुरु शरण में....

मोती लाल साहु 10 Apr 2023 कविताएँ समाजिक योग युगत सद्गुरु शरण में जीवन मुक्ति का भेद बखानी, समस्त वेद- ग्रंथ- संतों की है वाणी। 5453 0 Hindi :: हिंदी

मन सम-
गति नहीं ब्रह्मांड में,
छण में फिरे चौदह भुवन- 
सप्त पताल- तीनों लोक

गुण-भेद योग-युगत-
देई मेरे सद्गुरु,
मन मिला दे ईश्वर से

सद्गुरु शरण में-
जीवन मुक्ति का भेद,
है बखानी समस्त वेद 
ग्रंथ संतों की है वाणी
-मोती

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