Manju Bala 02 Jul 2023 कहानियाँ समाजिक दहेज प्रथा अभिशाप,उसने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयंसेवक शिक्षा केंद्र स्थापित किए जहां बच्चे मुफ्त में शिक्षा प्राप्त कर सकते थे। वह युवा महिलाओं के लिए व्यापारिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने लगी ताकि वे स्वयं आत्मनिर्भर बन सकें। वह समाज के बीच जाकर संगीत, कविता और कहानी सांझा करने के लिए मंचों पर आई और दहेज प्रथा की आवाज उठाई। अपने संघर्ष के दौरान, अनन्या ने एक दिन एक रेडियो शो पर बातचीत की। उसकी कथा और लड़ाई देशभर में प्रसारित हुई और लोगों की जागरूकता को जगाने लगी। दहेज प्रथा के खिलाफ उसकी लड़ाई बड़ी गति से आगे बढ़ी और लोगों में बदलाव लाने में मदद मिली। 6689 6 5 Hindi :: हिंदी
बसंत ऋतु के सुनहरे दिनों में, एक गांव में अनन्या जीवन बिता रही थी। उसकी खुशहाल जिंदगी में शोभा भरी थी, और उसके आसपास खूबसूरती बिखरी हुई थी। वह अपने परिवार के साथ खेतों में काम करती थी और अपने दिनों को शिक्षा और संगीत के साथ बिताती थी। वह एक प्रगतिशील लड़की थी, जो उच्च शिक्षा के महत्व को समझती थी। फिर भी, दहेज प्रथा ने उसकी जिंदगी को अँधेरे में ढक लिया था। जब उसकी परिवार ने उसे विवाह के बारे में बात की, उन्होंने उसे बताया कि उसकी शादी के लिए भरी रकम की मांग की जाएगी। उसके माता-पिता ने धैर्य से कहा, "यह एक प्राचीन प्रथा है, लेकिन हम इसे आगे बढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं। हम तुम्हारे भविष्य के लिए बेहतरीन रिश्ता ढूंढेंगे, जहां दहेज की मांग नहीं होगी।" अनन्या ने अपने माता-पिता की बात को समझा और उनकी सहायता से अपनी पढ़ाई जारी रखी। उसने दृढ़ता से निर्धारित किया कि उसे दहेज प्रथा के इस भार से मुक्त करना होगा। वह लड़की शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए अपने समुदाय के लोगों के बीच जागरूकता फैलाने लगी। उसने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयंसेवक शिक्षा केंद्र स्थापित किए जहां बच्चे मुफ्त में शिक्षा प्राप्त कर सकते थे। वह युवा महिलाओं के लिए व्यापारिक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने लगी ताकि वे स्वयं आत्मनिर्भर बन सकें। वह समाज के बीच जाकर संगीत, कविता और कहानी सांझा करने के लिए मंचों पर आई और दहेज प्रथा की आवाज उठाई। अपने संघर्ष के दौरान, अनन्या ने एक दिन एक रेडियो शो पर बातचीत की। उसकी कथा और लड़ाई देशभर में प्रसारित हुई और लोगों की जागरूकता को जगाने लगी। दहेज प्रथा के खिलाफ उसकी लड़ाई बड़ी गति से आगे बढ़ी और लोगों में बदलाव लाने में मदद मिली। इस बीच, अनन्या ने एक मुख्यमंत्री अवसर पर दहेज प्रथा पर बोलने का एक मौका प्राप्त किया। उसने उच्चारण किया कि दहेज प्रथा न केवल आर्थिक तबाही लेकिन नारी के मान-सम्मान को भी नुकसान पहुंचाती है। उसने सुरक्षित शादी के पक्ष में आवाज उठाई, जहां कोई दहेज नहीं मांगा जाता है और विवाह विचारधारा को समर्थित किया जाता है। अनन्या की लड़ाई आखिरकार फलित हुई। सरकार ने दहेज प्रथा पर नियंत्रण लगाने और कठोर कानून बनाने के लिए कदम उठाए। साथ ही, अनन्या के प्रयासों के चलते लोगों में बदलाव हुआ और दहेज प्रथा को दुरुस्त करने की आवश्यकता का मानवाधिकार की दृष्टि से विचार हुआ। अनन्या ने दहेज प्रथा को दुरुस्त करने में बहुत बड़ा योगदान दिया। उसने सिर न झुकाए, स्वतंत्र रूप से जीने का संकल्प लिया और दूसरों को भी उसी को अपनाने की प्रेरणा दी। उसकी साहसिकता, समर्पण और दृढ़ता ने उसे उच्चाईयों तक ले जाने में सहायता की और एक सुनहरा भविष्य बनाया।
9 months ago
9 months ago
9 months ago
9 months ago
9 months ago
9 months ago
I have done M.A in three subjects these are Hindi ,History ,Political science. I have also done M.Ed...