Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

झूठे हंसते चेहरे-मुस्कानों पर भी जहां पहरे हैं

Meenakshi Tyagi 01 Jul 2023 कविताएँ अन्य Pooja Soni 7128 0 Hindi :: हिंदी

मुस्कानों पर भी जहां पहरे हैं 
हम ऐसे घर में ठहरे हैं,
 रूठी है जहां हर पल खुशियां वहां कैसे स्वप्न सुनहरे हैं, 
फीका है जहां हर खुशी का रंग वहां कैसे रिश्ते गहरे हैं,
 हृदय में भरी है असहनीय पीड़ा फिर भी देखो झूठे हंसते चेहरे हैं।।

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: