Meenakshi Tyagi 01 Jul 2023 कविताएँ अन्य Pooja Soni 7128 0 Hindi :: हिंदी
मुस्कानों पर भी जहां पहरे हैं हम ऐसे घर में ठहरे हैं, रूठी है जहां हर पल खुशियां वहां कैसे स्वप्न सुनहरे हैं, फीका है जहां हर खुशी का रंग वहां कैसे रिश्ते गहरे हैं, हृदय में भरी है असहनीय पीड़ा फिर भी देखो झूठे हंसते चेहरे हैं।।