संदीप कुमार सिंह 21 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6508 0 Hindi :: हिंदी
आह! आकर्षक कितनी नाज़ुक फूल सी है चेहरा, बातों में मानो शहद भरी है प्यार, शोखियाँ भी सारे गज़ब लाज़वाब_ नज़र हटने का इरादा नहीं करता। हरेक अदाओं में जादू है भरी, अकेले में ही लगती है जैसे बाग, सर से पांव तलक है अति सुन्दर_ आंखों में चाहतों की है बारात। कायनात में अलबेली हूर, देखते ही नैना करे चाह, जुल्फ़ खुली दिव्य भव्य_ कुदरत की हसीन पेशकश। मलिक्का ए नूर संपूर्ण सौंदर्य, श्रृंगार उस पर झिलमिल करती, पावों में पायल हाथों में कंगना_ प्रकृति की भी सुन्दरता विवश। दिल उत्साह से नाच उठे, मन में बजे मधुर संगीत, बातें करने की चाह बढते_ भाग्य का हो जाए उदय। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....