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मार्मिक कहानी

Uma mittal 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य वाणी 18394 0 Hindi :: हिंदी

बहुत पुरानी बात है तब चोर के साथ-साथ डाकुओं का भी बहुत डर हुआ करता था| तब ना बैंक में लॉकर होते थे ,ना ही लोग बैंक का इस्तेमाल करते थे |इसलिए रात के साथ, दिन दहाड़े डाकू आते और जो धनवान होते थे, उनके घर के सारे जेवर, नकदी लूटकर चाकू की नोक पर ले जाते थे | अक्सर गांव वाले भयभीत रहते थे |कुछ डाकुओं का बड़ा ही नाम था, जैसे खड़क सिंह ,फूलन देवी आदि | इन पर सरकार पकड़ने वाले को इनाम भी देती थी| एक था शेरा डाकू ! जिसका चारों तरफ आतंक फैला था | शेरा एक बार एक गांव में अपने साथियों सहित घोड़े पर सवार बंदूक तान कर आ गया | गांव में घुसते ही शेरा ने हवाई फायर की | देखते ही देखते सभी अपने- अपने घर में दरवाजा बंद करके दुबक गए |शेरा सीधा उस गांव के सरपंच के घर को घेर कर घर में घुस गया और सभी से बोला “सभी अपने-अपने जेवर ,पैसा सभी कुछ लाकर दो | नहीं तो ————-“| सभी का डर के मारे बुरा हाल था |सरपंच के सभी लड़के, बहुएं अपने अपने गहने उतार उतार कर देने लगी | यहां तक की , घर की नौकरानी भी अपने चांदी के आभूषण उतारने पर विवश हो गई | शेरा के साथी हर कमरे को देखने के बाद आकर कहते “सरदार !उस कमरे को देख लिया”| उसमें इतना माल मिला और सभी एक जगह समान इकट्ठा करने लगे |सरदार बार-बार इधर-उधर देखने की आज्ञा देता |यह सब देख सभी डर रहे थे |तभी सरपंच की बेटी, जिसकी अभी थोड़े दिन पहले ही शादी हुई थी और मायके आए 4 दिन ही हुए थे और वह अपने ससुराल के गहने भी पहनी हुई थी | सरदार को एक-एक करके सारे गहने उतार उतार कर देने लगी| तभी अपने मंगलसूत्र को हाथ से दिखाते हुए बोली” भैया !क्या इससे भी ले जाओगे ?” उसकी आंखों में आंसू थे |भैया शब्द सुनते ही सरदार चौका | “क्या कहा ,भैया ?” आज तक उसे किसी ने भैया नहीं कहा था| भैया शब्द डाकू को बहुत अच्छा लगा | डाकू बोला “नहीं बहन ,इसे ना उतार ” और उसी समय सभी अपने साथियों को बोला “अब ,एक भी समान यहां से नहीं ले जाना है | सभी समान छोड़ दो” और जितनी तेजी से वह आया था ,उसी तेजी से चला गया |कहते हैं इस घटना के बाद उसने डकैती करना छोड़ दिया | ‘शेरा ने डकैती की’ ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया | सचमुच हमारी वाणी का बड़ा प्रभाव पड़ता है |      
उमा मित्तल
राजपुरा टाउन (पंजाब)





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