मोती लाल साहु 08 Apr 2023 आलेख समाजिक अंदर जो जीवन तत्व है, मानव तन गुण ज्ञान श्रेष्ठ। जीवन में प्यास जग जाए आत्म तत्व के लिए, तो संभव है जीते जी आत्म तत्व का बोध भी हो जाए। 6734 0 Hindi :: हिंदी
गुब्बारे में भरी हवा- और बाहर की हवा, ये कितने नजदीक हैं एक गुब्बारे की उम्र- क्या है गुब्बारा फटने तक, फिर तो हवा-हवा के साथ इस क्षण में जीवन है- और इस क्षण में जीवन नहीं है, सिर्फ एक श्वास की दूरी है बस अंदर जो जीवन तत्व है- अविनाशी के साथ जा मिलेगा, यह काया मिट्टी के साथ जा मिलेगा शिक्षा, मानव तन गुण ज्ञान श्रेष्ठ- जीवन में प्यास जग जाए, तो संभव है जीते जी आत्म तत्व का बोध भी हो जाए!! -मोती