Baba ji dikoli 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक समाजसुधार/मन की बात/अदभुत/देश हित/स्वरचित/कविता/ 10496 0 Hindi :: हिंदी
आज कल के युवाओं की बात बड़ी निराली है इनके मुख को देखो एक अजीब सी लाली है जो अद्यापक शिक्षा देते आज उन्हें देते ये गली है इनको पीनी फरेबी प्रेम की प्याली है इनकी तो बात निराली है बलिदानो की बाते इन्हे समझ न आती है इनको तो अब कॉलेज वाली भांति है । अब नही वो युवा दिखतेहै जो जो वृधों के ज्ञान को सुनते थे ये तो बस अद्भुत सपने बुनते है अब कहा युवा वीर रस और गीता सुनते है अब तो बस ये प्रेम गीत ही सुनते है ये तो बस सुख चाहने वाले है इनके सपने भी निराले है @BaBa ji dikoli