HARIOM Sharan 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य संघर्षशील जीवन, मेरी कविता #support 22750 0 Hindi :: हिंदी
मैंने एक कविता लिखी, लिखे है मन के भाव। पढ़ कविता को हंसी बना ना, होते मन में घाव।। मेरी इस कविता में मैंने, लिखी रूहानी यादों को। बीते पलों को और लिखूं क्या, आसूं भिगोते आंखों को।। मैंने लिखी थी सच्चाई मेरी, सबने जाना जूठा था। कोई ना समझा भावों को मेरे, मेरा सपना टूटा था।। पिता जी ने भी था बताया, कर संघर्ष काम वही आएगा। छोड़ दे चलना पीछे तू, हर कोई नाम तेरा दोहराएगा।। मैं आज भी लिखता हूं जब भी, अपने सारे जज़्बातों को। कष्ट बहुत देखे थे मैंने, कैसे भूलूं उन रातों को।। मैंने लिखी है एक कविता, लिखे है मन के भावों को। याद कर बीते दिनों को, कुरेद नहीं सकता मैं घावों को।। By 🌹 Hari Om Sharan'अलबेला'🌹 (#theअलबेला) जोधपुर राजस्थान