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धर्म -हमारी समाजिक संरचना शांति और सद्भाव के लिए एक माध्यम

Shivani singh 07 Jul 2023 कहानियाँ अन्य 6916 0 Hindi :: हिंदी

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके पिता एक किसान थे और वे अपने छोटे से खेत में काम करते थे। लड़का बचपन से ही धर्म की गहरी श्रद्धा रखता था और वह रोज़ाना पूजा-अर्चना करता था।

गांव में दूसरे धर्म के भी लोग रहते थे और उनके बीच खुशहाली की वातावरण थी। हालांकि, एक दिन गांव में धर्मिक सम्प्रदायों के बीच विवाद उठ गया। उस विवाद में सभी धर्मियों ने अपनी धर्म की महत्वता बताने की कोशिश की। यह विवाद गांव की समृद्ध संस्कृति और एकता को खतरे में डाल देने का डर था।

लड़का इस विवाद को देखकर चिंतित हो गया और वह सोचने लगा कि इस समस्या का समाधान कैसे मिलेगा। फिर उसने एक वृद्ध आदमी के पास जाकर सलाह मांगने का निर्णय लिया। वृद्ध आदमी ने उसे एक कहानी सुनाई जिसने उसकी सोच को परिवर्तित कर दिया।

कहानी के अनुसार, एक गांव में एक सद्भावपूर्ण राजा रहता था जो अपने राज्य में सभी धर्मों को समान आदर देता था। एक दिन राजा ने अपने दरबार में सभी धर्मों के प्रमुखों को बुलाया और उनसे उनके धर्म के बारे में प्रश्न पूछे।

प्रत्येक धर्मी ने अपने धर्म की महत्वता और विशेषताओं के बारे में व्याख्यान किया और राजा ने सभी को सम्मानित किया। फिर राजा ने एक सवाल पूछा, "अब तुम बताओ, कौनसा धर्म सबसे महत्वपूर्ण है?"

प्रत्येक धर्मी ने अपने धर्म को सबसे महत्वपूर्ण मानते हुए उत्तर दिया। लेकिन राजा ने उन्हें यह सिखाया कि हर धर्म एक अपने समय और परिस्थितियों में महत्वपूर्ण हो सकता है, और यह सभी धर्मों की एकता और समानता ही है जो असली धर्म है।

वृद्ध आदमी ने लड़के से कहा, "इस कहानी से यह समझो कि हर धर्म में अपनी अहमियत होती है, और हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। यही सच्चा धर्म है और यह हमें एकता और शांति की ओर ले जाता है।"

लड़का इस कहानी को सुनकर समझ गया कि सभी धर्मों का सम

मान कर उन्हें सम्मान करना और एकता की महत्वपूर्णता समझना चाहिए। उसने गांव के लोगों को इस कहानी के बारे में बताया और सभी ने समझा कि धर्म की अहमियत को समझने के बावजूद हमें एकदिवसीयता और समरसता बनाए रखना चाहिए।

इस कहानी से सभी गांव वासियों ने सीख ली और धार्मिक सम्प्रदायों के बीच तारीफ, सम्मान और सहयोग की भावना विकसित की। उन्होंने एक-दूसरे की त्योहारों में भाग लिया, मिलनसार धर्मी कार्यक्रमों को संचालित किया और गांव को शांति और सद्भाव की नई ऊर्जा से पूर्ण किया।

इस कहानी से स्पष्ट होता है कि धर्म न केवल एकल होता है, बल्कि यह हमारी समाजिक संरचना, शांति और सद्भाव के लिए एक माध्यम होता है। जब हम सभी धर्मों को समान आदर देते हैं और एकदिवसीयता के साथ रहते हैं, तो हम एक समृद्ध और समरस समाज बना सकते हैं जहां सभी धर्मों के लोगों को एक साथ जीने का अवसर मिलता है।

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