Kanhaiya Bharatpur 30 Mar 2023 कहानियाँ अन्य Kanhaiya gujjar Bharatpur 64678 1 5 Hindi :: हिंदी
कुछ दिन पहले कि बात है में अपनी छत की बालकनी पर बैठा था और पास से बच्चो को देख रहा था की वो कैसे हमारे बचपन की तरह खेल रहे तभी अचानक एक अलग ही प्रकार आवाज आई तो में बाहर गया तो देखा कि एक छोटा सा बंदर थोड़ी दूर ही हमारी छत से भाग कर जा बैठा और मेने देखा की वो तो बहुत उदास है तो में धीरे धीरे उसके पास गया तो वो मुझे देखकर डर गया तो मेने उसे कुछ प्यार से बोला तो उसने कुछ भी किया और चुप बैठा रहा और मेने देखा की उस बंदर के किसी ने डंडों से मारपीट की थी और वो अब बहुत ही गम्भीर रूप से घायल सा हो गया तो मेने उसे दवाई लगाए और में उसे नीचे मेरे ही रूम में ले आया अब वो बहुत डर रहा था फिर खाना खाकर वो एक कोने में चुप सो गया फिर दूसरे दिन सुबह ही में उसे पास के पार्क में ले गया और वो अब बहुत ही खुश था और थोड़ी देर बाद हम घर वापस आ गए और धीरे धीरे वो मेरा जिंदगी का एक हिस्सा बन गया और दिन बीतते गए और मेने उसका नाम रखा चिंकू वो बहुत ही प्यारा था छोटा सा और एक दिन ऐसा आया की वो अचानक बिजली के खंबे पर चढ़ गया और अचानक उसकी मौत हो गई तब से लेकर और आज तक में उसे भुला नहीं पा रहा हूं शिक्षा .... कई बार बाहर वाले भी अपने होते है
1 year ago