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हालातों से जंग- किस्मत भी बड़ी अजीब चीज हैं किस्मत से ही हर खुशी मिलती हैं

Chanchal chauhan 20 Aug 2023 कहानियाँ दुःखद जिंदगी से जंग 21346 0 Hindi :: हिंदी

जिंदगी बड़ी अजीब होती हैं।किसी को हर खुशी मिल जाती हैं कोई एक खुशी लिए तरसता हैं।नसीब , किस्मत भी बड़ी अजीब चीज हैं।किस्मत से ही हर खुशी मिलती हैं।जो‌ तकदीर में होता है वहीं मिलता हैं। वहीं होता हैं जो किस्मत में लिखा होता हैं।कितने बार हालात ऐसे हो जाते इंसान टूट जाता है।उसके हालात ऐसे नहीं होते वो खुद को संभाल पाए इस तरह टूट जाता हैं।उसे समझ नहीं आता वो क्या करें। कुछ के अपने को जाते कुछ दूर चले जाते कहीं अपने धोका देते हैं। कहीं प्यार में वेवफाई मिलती हैं।हर हालत में इंसान बुरी तरह टूट जाता हैं।

एक ऐसी कहानी जिसमें बड़ा ही दर्द हैं एक छोटा सा बच्चा जिसे उसकी  मां ने बहुत प्यार से पाला।उसे हर खुशी दी सीने से लगाकर रखा । कुछ साल बीतने के बाद उसकी मां गुजर गई।उसके दो बड़े भाई थे।उसको प्यार नहीं करते थे। क्योंकि उनकी मां उन दोनों से कम प्यार करती थी,छोटे को बहुत प्यार करती थी।
उनका जो पिता थे वे उन तीनों को बराबर प्यार करते थे। कुछ समय बीता उन दोनों बड़े भाई ने अपने पिता को अपने तरफ कर दिया।अपने छोटे भाई पर गलत इल्जाम लगाकर।उसको अपने पिता की नजरों में गिरा दिया।उसके पिता उससे घृणा करने लगे उससे ठीक से बोलते भी नहीं थे। उसके पिता उसके दोनों भाई खाना खा लेते थे।उसको बची कुची देते थे कभी तो उसको मिलती भी नहीं थी ।वो ऐसे ही खाली पेट पानी पीकर सो जाता था। उसके पिता तो कहते थे उसके लिए छोड़ दो कहीं परन्तु भाई बहुत बुरे थे। फिर उन दोनों की सादी हो‌ गई घर में बहू आ गई।कपिल उन दोनों से बहुत छोटा था ।सात ,आठ साल छोटा।उन दोनों की बहू और भी तेज आई , उन्होंने तो उसको‌ बिल्कुल खाना देना बंद कर‌ दिया।घर का सारा काम कराती थी।चार दिन हो गये उसे खाना नहीं दिया।उसे चक्कर आने लगे ।वह बीमार हो गया।एक दिन ‌उसके बचपन का दोस्त उसके घर पर आया वह काफी अमीर था।वह बाहार रहने लगे थे।वह दूसरे गांव का था।उसने देखा वह बहुत बीमार पड़ा हैं। कोई उसकी देखभाल भी नहीं कर रहा हैं।वह बाहर ऐसे ही बाहार चौतरे पर लेटा था।उसका दोस्त उसके पास गया और उससे पूछा क्या हुआ क्यों लेट रहा हैं।उसने देखा उसे बहुत तेज बुखार हैं बहुत कमजोर उसकी ठीक से आंखें भी नहीं खुल रही हैं।उसने पूछा तुम बीमार हो यहां पड़े हो दवाई क्यों नहीं ली उसके आंखों में आंशु थे ।वह चुप था ।तभी वहां एक छोटा सा बच्चा आता हैं वह उसको सारी बात बताता हैं।उसके दोस्त का दिल भी भर आता हैं।वह अपने पापा को फोन लगाता हैं ,उनसे गाड़ी लाने को बोलता है। थोड़ी देर में ही उसके पापा आ जाते हैं वह उसको गाड़ी में बिठाकर ले जाते हैं।उसका ईलाज कराते हैं।वह ठीक हो जाता है ।उसको अपनी कम्पनी में काम देते हैं।साथ में वह अपनी पढ़ाई भी करता हैं।उसकी पूरी हो जाती है।वह फॉर्म डालता हैं।उसकी नौकरी लग जाती हैं।वह अपने दोस्त और उसके पिता का एहसान मंद रहता हैं।सबको ऐसा दोस्त मिले जो दोस्ती निभाना जानते हो।अपने दोस्त की भलाई करें उसको बुरे हालात में सहारा दे।

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