Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

जैसी करनी वैसी भरनी

DINESH KUMAR KEER 15 Jun 2023 कहानियाँ अन्य 6547 0 Hindi :: हिंदी

*किसान व व्यापारी की कहानी*

एक गांव में एक किसान रहता था. वह खेती करता था और मक्खन बेचकर अपना घर चलाता था. वह हर रोज शहर में मक्खन बेचने जाता था. एक व्यापारी को उसका मक्खन बहुत अच्छा लगा तो उसने किसान से कहा कि तुम हर रोज मुझे 1 किलो मक्खन देना.
किसान खुश हो गया, क्योंकि उसका मक्खन अब बिना किसी परेशानी के बिक जाएगा. किसान ने उसी दुकान से थोड़ा सा सामान और एक किलो गुड़ खरीदा और लेकर अपने घर चला गया. 
किसान अगले दिन व्यापारी को एक किलो मक्खन देने आया. वह हर रोज व्यापारी के घर मक्खन पहुंचा देता. काफी दिनों तक ऐसा चलता रहा. एक दिन दुकानदार ने किसान का दिया हुआ मक्खन तोला तो वह 900 ग्राम था. दुकानदार बहुत गुस्से में आ गया. उसने सोचा कि यह किसान मुझे धोखा दे रहा है. यह 1 किलो मक्खन के पैसे लेता है और मुझे केवल 900 ग्राम मक्खन देता है.
जब अगले दिन किसान मक्खन लेकर आया तो दुकानदार ने उसके सामने मक्खन तोला तो वह 900 ग्राम था. दुकानदार ने किसान पर चिल्लाना शुरू कर दिया और कहा कि तू मुझे धोखा दे रहा है. किसान ने दुकानदार से कहा कि भाई साहब मेरे पास तोलने के लिए बांट नहीं है. इसीलिए मैं आपसे 1 किलो गुड़ खरीद कर ले गया. मैं उसी को बांट बनाकर हर रोज मक्खन तोलता हूं. यह बात सुनकर दुकानदार शर्मिंदा हो गया, क्योंकि उसने खुद भी गलत काम किया था. वह समझ गया कि जैसा हम करते हैं, हमें वैसा ही फल मिलता है.
हम गलत काम करेंगे तो हमें उसका फल जरूर मिलेगा. इसीलिए कहा गया है कि जैसी करनी, वैसी भरनी. यही वजह है कि हमें अच्छे कर्म करने चाहिए तो हमें अच्छा फल मिलेगा.

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

लड़का: शुक्र है भगवान का इस दिन का तो मे कब से इंतजार कर रहा था। लड़की : तो अब मे जाऊ? लड़का : नही बिल्कुल नही। लड़की : क्या तुम मुझस read more >>
Join Us: