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कोटा की बात-कोटा पढ़ने के लिए जाने की सलाह

Monu kumar 10 May 2023 कहानियाँ अन्य कोटा 7321 0 Hindi :: हिंदी

एक समय की बात है, एक गाव में रोहन और उसके बेटा शिव रहता था। शिव पढने में भूत तेज था। शिव जब भी स्कूल जाता था अपने पापा के सबसे पहले परनाम कर्ता था। गॉव के सभी लोग शिव को पसंद या चाहते थे, शिव भी सबसे मिलजुल कर रहा था।
 शिव का परिश्रा का परिणाम आने वाला था.. जैसा कि आप लोगों को पता हैं शिव बहुत तेज था इस्लीये पुरे राज्य में टॉप किया... 
लोग उसे कोटा पढ़ने के लिए जाने का सलाह दिए... 
किसी तृह शिव के पापा पैसे का इंतजाम कीए फिर शिव को कोटा लेकर गए। वहा जाते ऑटो बाला से झगरा हो गया... फिर जैसे - तैसे  कोचिंग पहुंचे तो किसी तरह  प्रवेश तो हो गया। फिर हॉस्टल में रहने के लिए छोड़ दिए.. 
शिव के पापा एक छोटा किसान थे फिरवी पैसा का ईन्तजाम खेत ये सब बेच कर करते रहे थे.. यहा शिव भी मन लगा कर पढने लगा। कुछ समय बाद वो कोटा में खूब सिटी मॉल या सिनेमा मॉल जाने लगा। 
इस्लीये वो अब सही से पढ़ नहीं रहा था। एक तरह से बोले तो उसे कोटा का हबा लग गया था।  उशे पछताबा भी था। एक दिन उसके पापा कोटा गए उससे मिलने। तो वो गेट नहीं खोला उसके पापा गेट के बहार 5 घंटा इंतजार किए फिर। लास्ट में गेट को तोर दिए।
 तव शिव पंखे में लटका मिला और एक खट राखा मिला, उसमे लिखा था आई एम सॉरी पापा। मुझसे नहीं निकला.... अब किसी और को कोटा आने के लिए नहीं बोलइएगा...... 
                 परनाम

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