सरोज कसवां 30 Mar 2023 कहानियाँ दुःखद 69258 0 Hindi :: हिंदी
शहर से दूर एक गांव में एक परिवार रहता था। जिसमे माता - पिता और तीन भाई , एक बहन और एक बूढ़ी दादी मां रहते थे मुखिया का नाम रामलाल था बहुत ही रहीस घर था कहा जाता था कभी इस घर में खुदाई करते वक़्त सोने के सिक्के निकल थे और रामलाल अपने बाप की एकलौती संतान थी तो घर जमीन भी खूब थी रामलाल कुछ काम - धाम नहीं करता था बस शराब पीता ओर पूरे घर को परेशान करता रहता था सुबह से लेकर श्याम तक सब घर वाले परेशान रहते थे यहां तक कि अपनी बुद्धि मा को भी तंग करता था। जैसे जैसे तीनों बेटे बड़े होते गए बाप की हरकतें देख ते गए और धीरे धीरे वी भी शराब पीने लगे अब रामलाल की पत्नी और बेटी ओर ज्यादा परेशान रहने लगी रामलाल की पत्नी एक कुता पालती थी जो कि हमेशा उसके पास रहता था रामलाल समय के साथ साथ अपने घर के कीमती सामान बेचने लगा जब उसको शराब के लिए पैसे नहीं मिलते थे तो ना ही अपने बेटो को कभी रोकता की। आप ये सब मत करो। जैसे तैसे करके रिश्तेदारों ने तीनों बेटो ओर एक बेटी की शादी करदी अब घर में बहुत ज्यादा सदस्य होने से रामलाल की पत्नी की जीमेदारी भी बढ़ गई छोटे बेटे की पत्नी को रामलाल की पत्नी pdhne के लिए भेजती थी । ईधर अब रामलाल के पास खर्च करने के लिए कुछ नहीं बचा तो रोज अपनी पत्नी के साथ मार पीट करने लगा बेचारी फिर भी अपने घर को बसाने के लिए जी जान से कोशिश करने में लगी रहती थी एक रात रामलाल शराब पीकर घर आया दोनों में खूब कहा सुनी हो चली अब रामलाल का छोटा बेटा भी उसके साथ अपनी मां को पीटने लगा और पैसे मांगने लगा जब रामलाल की पत्नी ने मना कर दिया तो दोनों बाप बेटा ने अपनी पत्नी को फांसी लगा कर मार दिया और वहां से भाग गए सुबह। जब ये सब घर में ओर बेटों ने देखा तो घर में आटा मसाला सब बिखरा हुआ है और मां लटकी हुई है सब की आंखे फटी की फटी रह गई मौके पर पुलिस पहुंची। कुछ दिन में दोनों मुजरिमों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । रामलाल की पत्नी का कुता आज भी उस घर के आगे बैठा रहा है और जब भी को महिला आती देखता है तो भाग कर जाता है और देखता है कही वही तो नहीं जो रोज हम अपने से पहले खाने को देती थी !! सरोज कसवां