Sudha Chaudhary 13 May 2023 कहानियाँ अन्य 6799 0 Hindi :: हिंदी
थोड़ा कहा थोड़ा सुना थोड़े-थोड़े में बड़ा हो गया कल तक जो कुछ किताबों में था आज सभी के घर कर गया मैंने जो कुछ कहा तुम्हारा ना था फिर भी तुम्हें यह गवारा न था स्याही से कागज भिगोते गए इससे कहीं कुछ ज्यादा न था। सुधा चौधरी