Alfaaz Hassan 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 8287 0 Hindi :: हिंदी
जीवन में घटे जब अच्छा बुरा कोई जोङे नाता किस्मत से , कोई कहता दुनियादारी रे , पर समझे न नादान ये क्यूं कर्मो की माया सारी रे, यहाँ दिन भी बिके और रात बिके, यहाँ सुख दुःख हर हालात बिके बिके दीन ईमान जहाँ पर ना मेरे जज्बात बिके, समझे कौन यहाँ जज्बात मेरे सब लोग यहाँ व्यापारी रे, पर समझे न नादान ये क्यूं कर्मो की माया सारी रे , रख भाव दया का सबके सगं दे साथ ज़रूरतमंदों को क्योंकि अल्लाह ने बनाकर भेजा है बन्दे का वसीला बन्दो को , गिरता है आखिर ईक दिन वो जो होता है अहंकारी रे, पर समझे न नादान ये क्यूं कर्मो की माया सारी रे, की शुक्रगुजारी हर लम्हा चाहे रहा किसी भी हाल में मै सुख दुःख जीवन के है पहलु ना ढला बुराई की ढाल मे मै चाहे एक जीत की चाहत मे मैं लाखों बाजी हारी रे , पर समझे न नादान ये क्यूं कर्मो की माया सारी रे,