Amrita shrivastav 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत जब प्यार साथ ना हो तो अकेलापन कैसे तड़पाता हैं 53140 0 Hindi :: हिंदी
बहुत हुआ अब आ भी जाओ ना युं सता कर दर्द को और ना बढ़ाओ ना बहुत रह लिए अब तन्हा तुम बिन ये नाराज़गी अब और ना दिखाओ ना बहुत हुआ अब आ भी जाओ ना!! वीरान पड़ा हैं मेरा जहाँ सागर में से पानी भी अब सुख चला मेरा मन अब सूखे पनघट सा हो गया अब वो चहल ना रही हैं घाट पर कुंज भी अब तुम बिन वीरान हो गया बहुत हुआ अब आ भी जाओ ना! बहुत पी चुकी अब हलाहल अब तो सुधा रस बरसा दो ना पतझड़ से अब बसंत ला दो ना गुलजार कर दो मेरा जहाँ बहुत हुआ अब आ भी जाओ ना! अगर प्यार हैं तो जताते क्यों नहीं साथ मेरा निभाते क्यों नही छोड़ कर क्या गए तुम एक बार भी मुड़ कर देखते क्यों नही बहुत हुआ अब आ भी जाओ ना!