SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक इस कविता के माध्यम से कवि लोगों से दीपदान करने के लिए कहता है । 44134 0 Hindi :: हिंदी
दिव्य ज्ञान रूपी हो यह प्रकाश, अंधकार मुक्त जग ये सारा हो । हो दीपदान का प्रचलन , जिससे रौशन जहॉ ये सारा हो ।। ना हो ऊँच नीच का भेदभाव, आपस में बस भाईचारा हो । मानव सेवा हो सर्वोपरि, मानवता ही धर्म हमारा हो ।। हर इन्शा को हो इन्शा से प्रेम, बैरी ना कोई हमारा हो। हम स्वयं प्रज्वलित हो दीपक की भाँति, जिससे रौशन जहॉ ये सारा हो ।।
I am Santosh kumar Bargoria s/o Sri Sewalal Bargoria at 26, Noor Mahammad Munshi lane Howrah -71110...