Ajay kumar suraj 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #poem #प्यार-मोहब्बत #राजनीतिक #धार्मिक #बाल-साहित्य #सामाजिक #देश-प्रेम #कविताए #शायरी #google #नारी नही नारायणी है –नारायण की अर्धांगनी है। 56150 0 Hindi :: हिंदी
नारी नही नारायणी है –नारायण की अर्धांगनी है। हे नारी तेरे रूप अनेको,तू ही माई तू जग में अवतारी है। कितनी करुणा कितनी ममता,सारा जीवन बलिहारी है।। नर की बात करूं क्या नारायण को भी चलना सिखलाया है। कान्हा को ले गोंद तुम्ही सोलह कलाओं में पूर्ण बनाया है।। देव मनुज जब हार गए,बन दुर्गा तुम असुरो का उद्धार किया। कितनी दयालू ममतामयी हो,अधम नीच को परम धाम दिया।। कभी तपस्वनी कभी सिंहनी कभी गृहणी का सुंदर रूप लिया। अन्नपूर्णा गृहस्वामिनी बन घर को धन धान्य से भरपूर किया ।। भले कहीं हो जन्म तुम्हारा स्थान स्वर्ग से भी उत्तम हो जाता है। महल में हो तो स्वाभिमान ले जन्म कोठे पर संगीत रचा जाता है।। तुम सत्यनिष्ठ,तुम कर्तव्यनिष्ठ तुम ही हृदय की अतल गहराई हो। इतनी करुणा इतनी विह्वलता हे स्त्री तुम आज क्यों मुरझाई हो।। संसार तुम्ही से चलता है,जग तुममें ही बसता है,तुम ही तो माया हो। जीव रहे अस्तित्व में अपने,जीवन को संरक्षण देने वाली काया हो।। देवालय की हे देवी निकेतन की तुम अन्नपूर्णा स्मशान की हे काली। तुमसे ही तो जग रोशन है, तेरे आत्म से फुट रही है सूरज से लाली।।। अजय कुमार सूरज