DIGVIJAY NATH DUBEY 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत दिग्दर्शन 53449 0 Hindi :: हिंदी
भीड़ में एक चेहरा खोजते रहना मेरी बातों को याद कर रोते रहना जो हर पल तुझे चाहत की सौगात दे ऐसे तबस्सुम को पूजते रहना बिछड़ के मुझसे एक पल न रह पाओगे तुम मेरे पास ही आओगे तुम मेरे पास ही आओगे थोड़े नाराज हो , शायद मेरी खता है कुछ सहमे से हो , यही तो दिल की बला है बिता लो कुछ पल अकेले रास्तों में जीवन के रास्तों में सपना सजाओगे तुम मेरे पास ही आओगे ।।