Champa 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #बातें#खोयी#गहरी#नादानी#जीवन#कदम 44427 0 Hindi :: हिंदी
बहुत कुछ कहा उस सिमटे लफ्ज़ ने, जैसे सिलबट्टे आ गई हो सोच पर, धीरे धीरे उम्र ढलती गई, जाने कैसे फिर भी वही बात चलती हुई, खामोश बातो को फिर फिर भूलना था, शायद बचा नहीं कुछ जो रखना था, अब बहाना नहीं खोजती आंखे, दिल को भी मन मना लेता है, बहुत कुछ कहा, उस सिमटे लफ्ज़ ने,