Chetna 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 36085 0 Hindi :: हिंदी
अब झूठे आरोपों से कोई सीता वनवास नहीं सहेगी भरी सभा में कोई द्रौपदी अब अपमान नहीं सहेगी कोई भी मेरा अब प्रेम में विषपान नहीं करेगी आग लगी है सीने में मेरे हां हाल नारी का देख कर आज कोई पद्मावती जौहर नहीं करेगी लड़ेगी ,बढ़ेगी ,पड़ेगी व्यंग्यों से नहीं रुकेगी।