रोhit Singh 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद #poem #poetry #shayari #thought #रोhit Singh #आते_जाते_राहों_में 78391 0 Hindi :: हिंदी
आते..जाते..राहों में मैं अक्सर..देखता हूं भीड़ का एक..मेला..! और नज़र आता है.. हर..एक शख़्स...अकेला..!! जिनके आंखों में.... चमकती रहती है...तनहाई..! जैसे...किसी की हो....शादी वह भी....बिन शहनाई....!! मैंने देखा है...यात्रा में भी यात्रा करते...कई ऐसे शख्स......! जो खिड़कियों से...झुकते हुए देखते हैं...क्षितिज में अपना...अक्स..!! मैंने देखा है..उनके अंदर..एक घुटन ख़ुद में ही....ख़ुद ना होने का....! जैसे...दो..दीवारों...के...बीच जगह...होता है.....एक...कोने का..!! मैंने देखा है...उनके कानों पर लगे वो......संगीत....का..यंत्र..! जो गुनगुनाता है...अकेलेपन..से भरा...उनके....जीवन...का...मंत्र..!! रोhit Singh...✍️