आरती सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक औरत की महानता, औरत 63366 1 3 Hindi :: हिंदी
औरत को कमजोर न समझो औरत एक अंगारा है। हाथ रखोगे जल जाओगे औरत जग का उजियारा है। भूखी रहती प्यासी रहती अपना दुख वह हंसकर सहती जन्म से उसको कोसा जाता जाहिल कहकर मारा है। औरत को कमजोर न समझो औरत एक अंगारा है। बड़ी हुई फिर ब्याह किया है ना पूछा ना जाचा है। औरत समझ के कुछ भी कहते। भूल समझकर सुनती रहती है। हर पल तुमने दूतकारा है औरत को कमजोर न समझो औरत एक अंगारा है आरती सिंह
1 year ago
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