निर्दोषकुमार "विन" 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम मन के अल्फाज़ 16389 1 5 Hindi :: हिंदी
जीवन और विज्ञान का, जो शास्त्र ज्ञान करवाता है। है वेदो ने भी मान लिया, वह आयुर्वेद कहलाता है।। आयुर्वेद को अपना कर, जीवन में खुशहाली लाएँ। देश के कोने कोने में, आयुर्वेद का दीप जलाएँ।।... चिकित्सा के क्षेत्र में है, युगो पुरानी यही पद्वति। नीरस जीवन सहज बनालो, करके इसकी पुनरावृत्ति।। सौहार्द के पात्र बनोगे, टल जाएँगी सभी बलाएँ। देश के कोने कोने में, आयुर्वेद का दीप जलाएँ।।... आभूषण है वृक्ष धरा के, आओ धरती का श्रंगार करें। हर घर में एक पौधा रोपें, और प्रकृति से प्यार करें।। तनमन जिससे महक उठे, हृदय भी पुलकित हो जाएँ। देश के कोने कोने में, आयुर्वेद का दीप जलाएँ।। कर लो उद्गम स्नेह का है यह खुशियों का त्यौहार। भूल से भी कभी किसीको, ना देना कोई खुशी उधार।। इस दीवाली ध्यान रहे, कही अंधेरा ना रहने पाएँ। देश के कोने कोने में, आयुर्वेद का दीप जलाएँ।। अविरल बहता सरिता जल, ना मंजिल के पहले ठहरे। आयुर्वेद का परचम भी अब , देखो नीले गगन में फहरे।। यही अभिलाषा है निर्दोष, एक नया इतिहास रचाएँ । देश के कोने कोने में, आयुर्वेद का दीप जलाएँ।। ..✍️निर्दोषकुमार "विन" (बरेली)
1 year ago