Kranti Raj 14 Sep 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 11924 0 Hindi :: हिंदी
जब जब आती है बचपन की यादे दिल की घंटी बज जाती है हर पल की सरारते बेवजह मुस्कुराने की वादे माँ से पैसे मांगने की फरियादे पापा से जिद करने की यादे साथी संगत की बाते हर एक दुजे की मुलकाते फरमान पर फरमान करने की इरादे आज भी याद है ,हमें उछलना कुदकना जिधर मन हो चलना बार बार गिरना ,बार बार उठना आज भी याद ,हमें बगीचे में टहलना ,फल फुल तोडना आम ,जामुन के पेड चढ कर तोड कर खाना आज भी याद है,हमें दोस्तों की सैर ,हर पल की बैर हम की दास्ता आज भी याद है ,हमें सुबह उठते ही काँच की गोली मट्टी की गोली टन टना टन निशाना लगाने की कसरत आज भी याद है,हमें मम्मी की पुकारने की यादे पापा को डाटने की बारिश फिर गले से लगाकर समझाने की तरिका आज भी याद है ,हमें गांव की सैर सपाटे लुका छिपी खेलने की यादे हर पल चेहरे पर मुस्कान आज भी याद है,हमें ! कवि-क्रान्तिराज दिनांक-14-09-24