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बलीदान देश के लिए - नहीं चाहिए हमें कुर्सी,

संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम बलिदान देश के लिए, नहीं चाहिए हमें कुर्सी, नहीं चाहिए हमें वेतन, नहीं चाहिए हमें पदवी, नहीं चाहिए हमें भत्ता, हम हैं देश के बेटा, देश के आन _बान और शान, सांसों की अंतिम गिनती, मर मिटने के लिए तैयार 53657 0 Hindi :: हिंदी

नहीं चाहिए हमें कुर्सी,
नहीं चाहिए हमें पदवी।
नहीं चाहिए हमें वेतन,
नहीं चाहिए हमें भत्ता।
हम हैं देश के बेटा,
देश के आण_बान और शान
के लिए सांसों की,
अन्तिम गिनती तक
मर_मिटने के लिए
तैयार हैं।
            चिंटू भैया

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