संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी कविता पाठकों के लिए मनोरंजन और प्रेरणा से भरपूर है। 50158 0 Hindi :: हिंदी
ये है मेरा फैसला, क्या है तेरा फैसला? टूटने न देंगें रिश्तों का डोर, चाहे जमाना कुछ भी कहे। जमीं खामोश है, फलक बेजुबान है । है कड़ी इंतिहान की घड़ी, चाहे सितम जो भी हो । गजब की इश्क है, प्यार की रुत है। तुझे दूर होने ना देंगें, दिल की सदा कह रही है। करवट बदलते इस दुनिया को, कहा नींद और कहा चैन है? इसकी भी खबर नहीं है। दुनिया की तो ऐसी की तैसी, हम तो दूध की मलाई हैं, तुम तो कोको कोला, और पेप्सी मलाई हो। यूं तो रंग से बेरंग बनी इस दुनिया की, खोखली दावे तो बहुत हैं। पर मोहब्बत की तौहीन, की इसको भनक भी नहीं। तुम तो मेरे हो, हम तो तेरे हैं। चिंटू भैया
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....