Bhagyashree Singh 10 Apr 2023 कविताएँ धार्मिक #धार्मिककविताएं#जयशिवशंभू#ॐनमःशिवाय#पावनमांगंगा#श्रीशिवायनमस्तुभम#गंगाजयंतीविशेष🚩🚩 16297 0 Hindi :: हिंदी
देवपगा मां गंगा है भोले के शीश विराजित अमर तरंगिनी मां गंगा देवभूमि पर सुगम सुशोभित मंदाकिनी मां गंगा कल कल की धारा से गूंजित विष्णुपदी मां गंगा जो ब्रह्म वेद में है वर्णित विपुल ध्रुव नदी मां गंगा जिसके कण कण में अर्थ छिपा इस प्रकृति का सौंदर्य छिपा जो नील वर्ण धारण करती मनुज पतित विदारण करती जटा केश मृगपति के रहती जो गंगोत्री से है बहती गंगोत्री क्षेत्र से कर विचरण हरिद्वार प्रयाग में बहती जिस रम्य सरिता का गुणगान निज प्रकृति स्वयं है करती वो पुण्य सलिला मां गंगा है ब्रह्म कमंडल बसती वेद पुराणों में जो वर्णित, और देवलोक में पूजित, जिसकी महिमा से देवलोक, और धरालोक है गूंजित जिसकी काया निर्मल और मानस कमल पुष्प उत्कर्षित, जिसका कण कण और बूंद बूंद अमृत समान संरचित, जिस सरिता के नीर से हर नर पाप अनिष्ट संरक्षित, उस पुण्य सलिला को करके नमन हो मन हर्षित और प्रफुल्लित। मेरी कलम से भाग्यश्री सिंह🖊️
मेरा नाम भाग्यश्री है, मैं एक स्नातकोत...