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धीमा जहर बनकर तुम मेरी जिंदगी में आए-खुशियों से भरा था जीवन

Meenakshi Tyagi 10 Jul 2023 कविताएँ अन्य मेरी यह कविता उन बहन बेटियों के लिए है जो गलत व्यक्तियों के प्रभाव में आ जाती हैं और उन से विनती है कि जो भी फैसला करें बहुत ही सोच समझकर करें क्योंकि यह जिंदगी का प्रश्न है 6970 0 Hindi :: हिंदी

खुशियों से भरा था जीवन 
उड़ रही थी मैं पंख फैलाए
नैनो में भरी थी आशा तन से युवान खुशबू आए
फिर धीमा जहर बन कर तुम मेरी जिंदगी में आए
आशाओं से भरी मेरी आंखों में तुमने अपने प्रेम के जाल फैलाए
धीमा जहर बन कर तुम मेरी जिंदगी में आए
कभी जो थे मेरे अपने सब कर दिए पराए सपने मेरे थे जो अपने वह भी तुम्हें ना भाए
धीमा जहर बन कर तुम मेरी जिंदगी में आए
तुम्हें खुश रखने की हर भेद मैंने अपनाएं
पर तुम तो ठहरे फरेबी सारे तुमने झुठलाए
धीमा जहर बन कर तुम मेरी जिंदगी में आए
थोड़ी जो मैंने चुप्पी बोला अपने लिए कुछ खुलकर
तो देखा कि खंजर लिए आए तुम हाथ में उठाए
अनगिनत वार किए मुझ पर तुम जरा भी ना शर्माए
 धीमा जहर बनकर तुम मेरी जिंदगी में आए
देखना सोचना समझना मुझे पहले था अब होगा भी क्या मन सोच सोच पछताए।।

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