Manasvi sadarangani 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक Papa 20854 0 Hindi :: हिंदी
जिनके पास नही होते है उनसे पूछो क्या होते है पापा इस korona में जाने कितने बच्चो से दूर हुए है उनके पापा रुठ जाने पर मनाना आसान था, रूठ जाने पर मनाना आसान था, पर आसमां में जाने पर बुलाना नामुमकिन है। वो यहां नहीं तो क्या हुआ, वो यहां नहीं तो क्या हुआ, हजारों दुआए उनकी अपने बच्चो के साथ है, डरना नहीं घबराना नहीं, भले वो तेरे साथ नही , पर उनका दिया आशीर्वाद हर पल तेरे साथ है Happy father's day to all श्रीमती मनस्वी सदारंगानी